RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -09-Jan-2024

महफ़िल


महफ़िल में रात के अंधेरों को 
छुपाकर जिंदगी में फैले दर्द को 
महफ़िल में सजाते है।
दर्द का हिसाब करते करते
आंसुओं को निगाहों में बांधते है
महफ़िल में बैठकर अपने ग़म को 
अपनों का साथी बनाते है। 

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9 Comments

Milind salve

21-Jan-2024 07:50 PM

Nice

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Rupesh Kumar

21-Jan-2024 05:23 PM

Nice one

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Khushbu

18-Jan-2024 05:26 PM

Very nice

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